Wednesday, July 13, 2011

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ना सोना चाहिए, ना चांदी चाहिए.. मुझे बस्स इस सरकार से छुटकारा चाहिए



पोस्टेड ओन: July,13 2011 Junction Forum, जनरल डब्बा, पॉलिटिकल एक्सप्रेस, मस्ती मालगाड़ी, हास्य - व्यंग में



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* जंडू बाम और सरकार





” जंडू बाम वाले दावा करते है की उनके बाम लगाने से हर तरह का दर्द गायब होता है …भाई क्या आपका जंडू बाम लगाने से ये सरकार गायब हो जाएगी क्या ? ..आज हर कोई यही चाहता है की ये सरकार अब अलविदा कहे तो अच्छा है , मगर ये सरकार भी चिंगम की तरह है जिसे चाहे कितना भी चबाओ ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेती है जनता जनार्दन न जाने कितने दिन से इस सरकार को चबा रही है ..फिर भी ये चिंगम की तरह खींचती ही जा रही है ..क्या इस सरकार को भी किसीने फेविक्विक से चिपकाया है क्या ? “





* कुछ दाग अच्छे होते है



” न जाने कितने दाग के साथ जी रही है ये सरकार फिर भी इस सरकार का सिरफिरा वफादार दिग्विजय कहेता है की कलमाड़ी बेकसूर है ..जैसे ये किसी कोर्ट का जज हो पूरा देश इस पागल की बाते सुनकर जब थक गया है फिर भी न ही सोनिया इसे कहेती है की चुप बैठ और न ही मनमोहन ..सायद मनमोहन को सोनिया ने बोलनेसे मन ही किया है या फिर इसे भी कोई चिंगम दी होगी सोनिया ने ..कालाधन , cwg ,2g न जाने कितने दाग लगे है इस सरकार पर …फिर भी ये बात तो तय है की इस सरकार पर लगे दाग कोई भी मिटा नहीं सकता ..चाहे “सर्फ़ एक्स़ल” क्यों न हो ?..कुछ दाग अच्छे होते है ..सही ना ? “





* महेंगाई और मेट्रो की स्पीड



” आम आदमी आज तंग है महेंगाई नाम के दानव से और सरकार अपने कालेधन को छुपाने में व्यस्त है ..आज आम आदमी अपना और अपने बच्चों का पेट भरने के लिए रात और दिन एक कर रहा है और दिग्विजय जैसे गद्दार कलमाड़ी जैसे भ्रष्ट को बचाने के लिए व्यस्त है ..जब देश का नाक काट दिया था लाठी चार्ज करके तब राहुल गाँधी जैसे लोग स्वित्ज़रलैंड भागे थे ..देश से ज्यादा ,आम आदमी से भी ज्यादा उनको पड़ी थी सायद अपने धन की जो स्विस बैंक में सड रहा है ..उनको इस देश की जनता की तभी याद आती है जब चुनाव आते है बाकी तो लुट के कार्यक्रम में व्यस्त रहते है ये लोग इसी लिए ही तो जनता यही चाहती है की उसे अब सोने की जरूरत नहीं है ..उसे अब चांदी की जरूरत नहीं है ..बस ये सरकार जाये और छुटकारा मिले उन्हें ..ताकि इस महेंगाई में वो अपने बच्चों का पेट भर सके और अच्छा शिक्षण दे सके … क्यों की आज जहाँ भी आम आदमी जाता है उसके पहले ये महेंगाई पहुँच जाती है ..यार इस महेंगाई की स्पीड मेट्रो ट्रेन से भी ज्यादा होती है इस देश में






* गरीब की जेब ,सरकार और जुती



” गरीबों की जेब को लुटनेवाले इन नेताओं को सायद ये पता नहीं है की गरीब की जेब लुट सकते हो आप गरीब को कमजोर समजकर ..मगर यही गरीब की उंगली में बड़ी ताकत होती है …क्यों की ये गरीब की उंगली अच्छो अच्छो को गरीब की जुती के बराबर कर सकती है आज गरीब गल्ली में इस सरकार की चर्चा कर रहा है जिस दिन ये गरीब उसकी चर्चा दिल्ली में करेगा उस दिन भागना भी भारी पड़ेगा इन नेताओं को सायद वो दिन भी अब दूर नहीं है ..मानो गल्ली से दिल्ली तक




* आम आदमी , गुटलीयाँ और सरकार



” आम आदमी को अब और ना चूसो … आम आदमी का आम तो आपने निकल दिया है अब गुटलिया बची है ..जिसका कभी आचार भी नहीं बन सकता है ..इसी लिए आज ये आम आदमी कहे रहा है की ना सोना चाहिए मुझे …ना चांदी चाहिए मुझे … मुझे तो बुसस इस सरकार से छुटकारा चाहिए






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